श्री बिनय दयाल
निदेशक(तकनीकी)
भारतीय प्रशासनिक सेवा, 1991 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के अधिकारी श्री प्रमोद अग्रवाल ने 01 फरवरी, 2020 को विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया । इस वृहद महारत्न कोयला खनन कंपनी के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने से पहले, वे मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास और रोजगार विभाग तथा श्रम विभाग के प्रधान सचिव थे ।
31 जनवरी, 2020 को श्री अनिल कुमार झा के सेवानिवृत्ति के उपरांत श्री अग्रवाल ने पदभार ग्रहण किया ।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई (1986) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक श्री अग्रवाल ने आईआईटी, दिल्ली (1988) से डिजाइन इंजीनियरिंग (एम.टेक) में स्नाकोत्तर किया है।
देश के सम्पूर्ण कोयला उत्पादन का 83% उत्पादन करने वाली कंपनी का प्रभार संभालने पर, श्री अग्रवाल ने अपनी प्राथमिकता को रेखांकित किया, जिसमें उन्होंने “बदलते परिदृश्य में कोल इंडिया को प्रतिस्पर्धी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य व्यवसाय इकाई बनाने के लिए, परिचालन दक्षता को बढाने और उत्पादन की लागत को कम करने पर अधिक जोर दिया । यथासंभव उच्च कोयला उत्पादन के साथ कोयला आयात में कमी की जाएगी ।”
श्री अग्रवाल ने अपने आईएएस करियर की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार के जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में की । श्री अग्रवाल के पास लोक प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का 28 साल का प्रशासनिक कौशल है, उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं परिवहन विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया । वे मध्य प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे हैं । उन्होंने मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक और मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी है । वे मध्य प्रदेश के मुरैना और महासमंद जिले के कलेक्टर भी रहे हैं ।
श्री अग्रवाल समृद्ध प्रबंधकीय अनुभव के साथ कोल इंडिया लिमिटेड से जुड़े हैं । उन्होंने संयुक्त सचिव के रुप में विनिवेश विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और निदेशक के रूप में भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय में भी कार्य किया ।
श्री अग्रवाल ने ड्यूक विश्वविद्यालय, रैले, यूएसए से प्रोजेक्ट अप्रेजल एंड रिस्क मैनेजमेंट, आईएलओटीसी ट्यूरिन से मैनेजमेंट ऑफ टेकनिकल को-ऑपरेशन प्रोजेक्ट्स; आईआईएम, अहमदाबाद से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंसिंग प्रोग्राम; आईआईएम, बैंगलोर से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड मैनेजमेंट; रॉयल मेलबोर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेलबर्न से स्टडी ऑन रोड मैनेजमेंट पॉलिसीज एंड प्रेक्टिसेज, में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है ।
श्री अग्रवाल को कई पत्र प्रकाशन का श्रेय हासिल हैं जैसे "मध्य प्रदेश में ग्रामीण सड़क परियोजना को लागू करना" और "मध्य प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत खरीद सुधार"।
श्री अग्रवाल, पीएमजीएसवाई परियोजना के लिए किए गए असाधारण कार्यों के लिए "आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अवार्ड", "मुरैना जिले के कलेक्टर के रूप में काम करते हुए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए रेड क्रॉस स्पेशल अवार्ड" के प्राप्तकर्ता हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा, 1991 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के अधिकारी श्री प्रमोद अग्रवाल ने 01 फरवरी, 2020 को विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया । इस वृहद महारत्न कोयला खनन कंपनी के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने से पहले, वे मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास और रोजगार विभाग तथा श्रम विभाग के प्रधान सचिव थे ।
31 जनवरी, 2020 को श्री अनिल कुमार झा के सेवानिवृत्ति के उपरांत श्री अग्रवाल ने पदभार ग्रहण किया ।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई (1986) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक श्री अग्रवाल ने आईआईटी, दिल्ली (1988) से डिजाइन इंजीनियरिंग (एम.टेक) में स्नाकोत्तर किया है।
देश के सम्पूर्ण कोयला उत्पादन का 83% उत्पादन करने वाली कंपनी का प्रभार संभालने पर, श्री अग्रवाल ने अपनी प्राथमिकता को रेखांकित किया, जिसमें उन्होंने “बदलते परिदृश्य में कोल इंडिया को प्रतिस्पर्धी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य व्यवसाय इकाई बनाने के लिए, परिचालन दक्षता को बढाने और उत्पादन की लागत को कम करने पर अधिक जोर दिया । यथासंभव उच्च कोयला उत्पादन के साथ कोयला आयात में कमी की जाएगी ।”
श्री अग्रवाल ने अपने आईएएस करियर की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार के जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में की । श्री अग्रवाल के पास लोक प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का 28 साल का प्रशासनिक कौशल है, उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं परिवहन विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया । वे मध्य प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे हैं । उन्होंने मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक और मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी है । वे मध्य प्रदेश के मुरैना और महासमंद जिले के कलेक्टर भी रहे हैं ।
श्री अग्रवाल समृद्ध प्रबंधकीय अनुभव के साथ कोल इंडिया लिमिटेड से जुड़े हैं । उन्होंने संयुक्त सचिव के रुप में विनिवेश विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और निदेशक के रूप में भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय में भी कार्य किया ।
श्री अग्रवाल ने ड्यूक विश्वविद्यालय, रैले, यूएसए से प्रोजेक्ट अप्रेजल एंड रिस्क मैनेजमेंट, आईएलओटीसी ट्यूरिन से मैनेजमेंट ऑफ टेकनिकल को-ऑपरेशन प्रोजेक्ट्स; आईआईएम, अहमदाबाद से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंसिंग प्रोग्राम; आईआईएम, बैंगलोर से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड मैनेजमेंट; रॉयल मेलबोर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेलबर्न से स्टडी ऑन रोड मैनेजमेंट पॉलिसीज एंड प्रेक्टिसेज, में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है ।
श्री अग्रवाल को कई पत्र प्रकाशन का श्रेय हासिल हैं जैसे "मध्य प्रदेश में ग्रामीण सड़क परियोजना को लागू करना" और "मध्य प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत खरीद सुधार"।
श्री अग्रवाल, पीएमजीएसवाई परियोजना के लिए किए गए असाधारण कार्यों के लिए "आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अवार्ड", "मुरैना जिले के कलेक्टर के रूप में काम करते हुए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए रेड क्रॉस स्पेशल अवार्ड" के प्राप्तकर्ता हैं।
निदेशक(तकनीकी)
श्री बिनय दयाल ने 11 अक्टूबर,2017 को निदेशक तकनीकी का प्रभार ग्रहण किये है। श्री दयाल 1983 में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (आईएसएम), धनबाद से खनन इंजीनियरिंग में स्नातक किये । उन्होंने डीजीएमएस, धनबाद से प्रथम श्रेणी खान प्रबंधक के योग्यता का प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया।
वे 1983 में कोल इंडिया में कनिष्ठ अधिकारी (प्रशिक्षु) के रूप में ज्वाइन किए तथा सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के सेंट्रल सोंडा कोलियरी, बरकाकाना एरिया में पदस्थापित किए गये । वे विभिन्न क्षमताओं में जैसे सीएमपीडीआई (मुख्यालय) मेंतकनीकी सेवाओं और जनसंपर्कके प्रमुख, सीएमपीडीआई, क्षेत्रीय संस्थान-V, बिलासपुर के क्षेत्रीय निदेशक, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में महाप्रबंधक (परियोजना एवं योजना सेवाएं)के रुप में काम किये ।वे 01.12.2015 को निदेशक तकनीकी (इंजीनियरिंग सेवाएं), सीएमपीडीआई का प्रभार ग्रहण किये ।
श्री दयाल को कॉर्पोरेट प्लानिंग और जनसंपर्क गतिविधियों में बृहद अनुभव प्राप्त है। उन्हें साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के मेगा प्रोजेक्ट्स की योजना बनाने, स्वीकृति और कार्यान्वयन के साथ-साथ कोरबा एवं मांड रायगढ़ कोलफील्ड में विस्तृत अन्वेषण के लिए तैनात उच्च तकनीक ड्रिल की उत्पादकता में वृद्धि लाने का श्रेय प्राप्त है । साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग सेवाओं) के रूप में, उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्धारित किए गए 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य के अंश के रुप मेंसाउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कोयला उत्पादन की योजना तैयार की ।
मांड रायगढ़ और कोर्बा कोलफील्ड्स से कोयला निकालने हेतुरेलवे कॉरिडोर के लिए उन्हेंसाउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की ओर से नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया था। और उन्होंनेसंयुक्त उद्यम कम्पनी के बोर्ड में,जिसमें छत्तीसगढ़ पूर्व रेलवे लिमिटेड और छत्तीसगढ़ पूर्व-पश्चिम रेलवे लिमिटेड (एसईसीएल, आईआरसीओएन और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा संयुक्त) शामिल हैं,साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का प्रतिनिधित्व किया।
वर्ष 2007 के दौरान ऑस्ट्रेलिया में आयोजित 'ऊर्जा और खनिजों पर भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त कार्य दल' की 5 वीं बैठक में श्री दयाल ने भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में प्रतिभागिता की । उन्होंने सितंबर,2010 में उन्नत प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागी के रूप में चीन कोयला उद्योग का दौरा किया। वे2011 और 2012 में परित्यक्त कोयला सीम की खदानों से ऊर्जा(जीएचजी2ई) को ग्रीन हाउस गैस में परिवर्तित करने हेतु यूरोपीय संघ अनुसंधान परियोजना में सीएमपीडीआई की ओर से प्रशासनिक प्रमुख थे। उन्होंने 2011 में इस्तांबुल, टर्की में आयोजित 22 वें विश्व खनन कांग्रेस और प्रदर्शनी- 2011 में भाग लिया और तकनीकी पेपर में प्रस्तुत किया । वे 2018 में टोरंटो, कनाडा में आयोजित'प्रोस्पेक्टर्स एंड डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ कनाडा (पीडीएसी)-2018' सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। उन्होंने कोयला उद्योग से संबंधित अनेक तकनीकी पेपर प्रस्तुत किए हैं। वे एमजीएमआई एवं भारतीय कंप्यूटर सोसायटी (सीएसआई) के आजीवन सदस्य हैं।
निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध)
श्री आर.पी. श्रीवास्तव ने 31.01.2018 कोकोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक और औद्योगिक संबंध) का प्रभार ग्रहण किये। इससे पूर्व वे राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, विशाखापत्तनम के कार्मिक निदेशालय में कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट सेवा) के पद पर कार्यरत थे । वे भारत के एक प्रसिद्ध संस्थान, एमडीआई गुड़गांव से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किए हैं ।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्रतिस्पर्धा परीक्षा में चयनित होने के पश्चात, श्री आर.पी श्रीवास्तव ने 34 साल पहले विशाखापट्टनम स्टील प्लांट, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड में प्रबंधन प्रशिक्षु (प्रशासन) के रूप में मानव संसाधन के क्षेत्र में अपना व्यावसायिक कार्यकाल शुरू किया था।
आरआईएनएल के कार्यकाल के दौरान विभिन्न क्षमताओं में, उन्हें विभिन्न एचआर पहल के कार्यान्वयन का श्रेय मिला । संगठन के मानव संसाधन प्रबंधन कार्य में प्रणालीगत प्रशासन हेतु संगठनात्मक आवश्यकता एवं कर्मचारियों की अपेक्षाओं को देखते हुए उन्होंने विभिन्न नीतियों, दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संगठन के हित को कायम रखते हुएकार्मिक नीतियों को तैयार करके एवं अद्यतन करके विकास के अवसरों का सृजन करने के माध्यम से,श्री श्रीवास्तव ने आरआईएनएल के कर्मचारियों के विकास के लिए एक सुविधापूर्ण वातावरण तैयार करने का निरंतर प्रयास किये हैं ।
उन्होंने लर्निंग एंड डेवलपमेंट में विशेषज्ञता प्राप्त की है और आरआईएनएल / वीएसपी में नॉलेज मैनेजमेंट एंड टीक्यूएम की अवधारणा का प्रवर्तन किए है। उन्होंने एचआर प्लानिंग, भर्ती और चयन, कर्मचारियों काप्रशिक्षण और विकास, राजभाषा का कार्यान्वयन, औद्योगिक संबंध, मजदूरी और वेतन प्रशासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । कंपनी में नाटकीय परिवर्तन लाने के लिएकर्मचारियों में अपेक्षित मानसिकता को विकसित करने हेतु उन्होंने विभिन्न गतिविधियों को, मुख्य रूप से कई तदनुकूल संचार अभ्यास और आत्म-विश्वास निर्माण उपायों / सत्रों को संचालित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाईहै ।
कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, स्वच्छ भारतगतिविधि, रणनीतिक प्रबंधन मुद्दें, टाउनशिप मैनेजमेंट, लैंड एंड एस्टेट मामलें, विस्थापित व्यक्तियों के कल्याण (परियोजना प्रभावित व्यक्ति), राष्ट्रपति के निर्देशों और अन्य वैधानिक आवश्यकताओं के कार्यान्वयन तथा महत्व के कई अन्य क्षेत्रों में उनकी समर्पित भूमिका विशेष महत्व रखती है।
निदेशक (वित्त)
श्री संजीव सोनी (58) ने 10 जुलाई, 2019 को निदेशक (वित्त), सीआईएल का पदभार ग्रहण किया । इससे पहले वे 19.06.18 से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यरत थे । उनका जन्म 18 जून, 1961 को हुआ और उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से कॉमर्स में स्नातक किया है । वे भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं । श्री सोनी के पास 32 वर्षों से अधिक का वृहद अनुभव है और उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में कोयला उद्योग की सेवा की है ।
श्री सोनी ने 27.05.1986 को सीएमपीडीआई (CMPDI) से अपने सेवा की शुरूआत की । ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने डब्ल्यूसीएल मुख्यालय, नागपुर में आईएडी के महाप्रबंधक (वित्त) के रूप में अपनी सेवा दिए है ।
अपने पेशेवर कैरियर के दौरान श्री सोनी ने सीएमपीडीआई में विभिन्न क्षमताओं में अपनी सेवा दी है । वह CMPDI / BCCL / GOI / UNDP द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किए गए UNDP / GEF / GOI- कोल बेड मीथेन रिकवरी एंड यूटिलाइज़ेशन परियोजना के वित्तीय कार्यों के प्रभारी थे । डब्ल्यूसीएल में आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग के प्रमुख के तौर पर श्री सोनी ने मजबूत आंतरिक नियंत्रण के निर्माण की दिशा में विभिन्न पहल किए है ।
उन्होंने सीबीएम परियोजना कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2004 में वियना, ऑस्ट्रिया और सीआईएल प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में PDAC 2019 के लिए टोरंटो, कनाडा का दौरा किया है ।
निदेशक (विपणन)
श्री सत्येन्द्र नाथ तिवारी ने 01 दिसंबर, 2019 को कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (विपणन) के रूप में पदभार ग्रहण किया । वर्तमान प्रभार ग्रहण करने से पूर्व श्री तिवारी सीआईएल में महाप्रबंधक (विपणन एवं बिक्री) के पद पर कार्यरत थे ।
श्री तिवारी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी MESRA से प्रतीष्ठा के साथ बी.एससी. इंजीनियरिंग में स्नातक की उपालब्धि हासिल की है, वे अपने बैच में तीसरे स्थान धारक है । उन्होंने MBA की डिग्री भी उसी संस्थान से प्राप्त किया। हिंदुस्तान मोटर्स में टेस्ट इंजीनियर के रूप में एक छोटे से कार्यकाल के बाद श्री तिवारी ने 1986 में कोल इंडिया लिमिटेड में अपना पेशेवर करियर की शुरूआत की । कोल इंडिया में 33 वर्ष से अधिक के सेवाकाल में, उन्होंने ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में विपणन एवं बिक्री प्रभाग की विभिन्न क्षमताओं में काम करते हुए मार्केटिंग और सेल्स संचालन के संपूर्ण क्षेत्र में व्यापक अनुभव अर्जित एवं प्रदर्शित किये है ।
कोयला विपणन और बिक्री की पेचीदगियों में तीन दशकों के पेशेवर अनुभव के बाद, श्री तिवारी ने बेहतर गुणवत्ता के साथ कोयले की बढ़ी हुई मात्रा की आपूर्ति को अपना प्राथमिक उद्देश्य निर्धारित किये है ।
अतिरिक्त सचिव कोयला मंत्रालय
श्री विनोद कुमार तिवारी, अतिरिक्त सचिव, कोयला मंत्रालय (अप्रैल, 2019), 1986 बैच, हिमाचल प्रदेश कैडर के भारतीय वन सेवा अधिकारी है, वे जर्मन भाषा में प्रमाण पत्र के साथ ही भूविज्ञान और वानिकी में स्नातकोत्तर उपाधि धारक हैं। तीन दशक के अपने विस्तृत कैरियर में, उन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार में संयुक्त सचिव के रूप में अपनी नियुक्ति (अप्रैल,2017) से पूर्व विभिन्न पदों (एचआरडी, आईटी, विधि, कार्मिक, पर्यावरण, सामाजिक तथा आर आर एवं एम एंड ई) में सेवाएँ प्रदान की है । उन्होंने विद्युत उत्पादन में प्रयुक्त हिमाचल प्रदेश के पीएसयू में निदेशक सहित एक दशक तक विभिन्न क्षमताओं पर राज्य विद्युत क्षेत्र की सेवा की है। उनका यूएनएफसीसी क्रियाविधि के अंतर्गत जल विद्युत क्षेत्र की प्रमुख सीडीएम परियोजनाओं के पंजीकरण में तथा कार्बन ट्रेडिंग हेतु यथोचित परिश्रम के अलावा डब्ल्यूसीडी अनुपालन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है । जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एनजीओ अनुदान प्रक्रिया को एंड-टू-एंड ऑनलाइन समाधान बनाते हुए सरलीकृत किया है । उन्होंने सेन्ट्रल अंब्रेला के तहत आदिवासी छात्रों के लिए संवर्धित और सुनिश्चित समर्थन के साथ एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय को, न केवल शिक्षा के लिए, बल्कि छात्रों के समग्र विकास के लिए लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया । इन्होंने स्वैच्छिक रूप से हिमाचल प्रदेश की कठोर जलवायु, दूरस्थ तथा कठिन आदिवासी क्षेत्र (पांगी सब-डिवीजन, चंबा जिला) में कार्य किया है। सीडीएम परियोजना, डब्ल्यूसीडी अनुपालन, ईआईए, ईएमपी तैयारी तथा अनुपालन निगरानी आदि के अलावा, पर्यावरण प्रबंधन और आदिवासी कल्याण एवं जनजातीय विकास के लिए वे राज्य विद्युत क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नीतियों के विकास में, राज्य पर्यावरण तथा वन क्षेत्र; में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। वे भारत और विदेशों में दूर-दूर तक यात्रा किए है तथा विभिन्न विषयों में प्रशिक्षित हैं। वे विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षण अकादमियों में विजिटिंग फैकल्टी रहे हैं। वे समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लेखों का योगदान देते रहते हैं।
संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, कोयला मंत्रालय
सुश्री यतिंदर प्रसाद को 24 अगस्त, 2020 को सीआईएल बोर्ड में नियुक्त किया गया । वह 1993 बैच की IA&AS अधिकारी हैं । वर्तमान में वह कोयला मंत्रालय और खान मंत्रालय के साथ-साथ जनजातीय मंत्रालय में संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं । 2014-2019 की अवधि के दौरान सुश्री प्रसाद भारत के महानिदेशक-नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक थी । वह एल.एल.बी., एल.एल.एम., सी.आई.ए., पी.जी.डी.बी.ए. योग्यता धारक है। सुश्री प्रसाद नेशनल शेड्यूल्ड ट्राइब्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड तथा हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के बोर्ड में भी सदस्य हैं ।
मुख्य सतर्कता अधिकारी
Shri S K Sadangi, an officer of 1988 Batch of Indian Railway Stores Service (IRSS), has joined Coal India Limited as Chief Vigilance Officer with effect from 10.04.2019. Shri Sadangi holds a B. Tech (Hons) degree from IIT (Kharagpur) and completed Master’s Degree in Public Policy from National University of Singapore (NUS) and Kennedy School of Government, Harvard, USA. Shri Sadangi has extensive experience in Governance, Vigilance and Anti-corruption in various Zones of Indian Railway, Ports of Kolkata, Haldia, Chennai, Paradip, Kamarajar Port Limited, Andaman Lakshadweep Harbour Works and Indian Maritime University. During his tenure as Vigilance Officer, Shri Sadangi had conducted several investigations of organizational and national importance like irregularities in Transportation of Iron Ore in Railways, high value Procurement Contracts, recruitment process of Railway staff, data transmission distortion in weighbridges installed in Ports and Sidings, affiliation process of maritime institutes etc. He was also associated with the Hon’ble Justice M.B. Shah Commission of Enquiry, constituted by Govt. of India to probe into illegal mining of Iron Ore and Manganese in large parts of the country. For this excellence in the field of investigation and systemic reforms, Shri Sadangi had been conferred with several prestigious awards by various organizations in the country.
सीएमडी, डब्ल्यूसीएल
श्री राजीव रंजन मिश्र ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के रूप में दिनांक 11 अक्टूबर 2014 को पदभार ग्रहण किया । इसके पूर्व वे सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में निदेशक (कार्मिक) एवं सेंट्रल माइन प्लानिंग एवं डिजाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल), रॉंची में कार्मिक एवं प्रशासन के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे । उन्होंने कोल इण्डिया लिमिटेड की विभिन्न अनुषंगियों में भिन्न-भिन्न हैसियत से कार्मिक, मानव संसाधन विकास इत्यादि के क्षेत्र में 30 वर्षों से अधिक की सेवा दी है । भूविज्ञान में मास्टर डिग्री धारक एवं कार्मिक प्रबंधन एवं औद्योगिक संबंध में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा करने के बाद श्री मिश्र ने तीन दशक पहले सीएमपीडीआईएल में अपने कैरियर की शुरूआत की । श्री मिश्र एनसीएल, सिंगरौली, कोल इंडिया लिमिटेड, कोलकाता, इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, सैंक्टोरिया एवं पुन: सीएमपीडीआईएल, रॉंची में सीसीएल में निदेशक(कार्मिक) के रूप में पदभार ग्रहण करने से पूर्व कार्य कर चुके थे ।
श्री मिश्र ने आईआईसीएम, रॉंची एवं चीन कोल इंफॉरमेशन इंस्टीट्यूट द्वारा वर्ष 2011 में संयुक्त रूप से आयोजित चीन में एडभांस मैनेजमेंट प्रोग्राम में भाग लिया है और आईआईपीए, नई दिल्ली द्वारा संचालित कार्यक्रम में वर्ष 2014 में फ्रांस और चीन गये ।
श्री मिश्र को बंगलोर में आयोजित एसिया पैसिफिक एचआरएम कांग्रेस में लगातार दो वर्षों - 2012 एवं 2013 के लिए "आईएमई एचआर लीडरशिप अवार्ड", "भारत का मोस्ट पावफुल एचआर प्रोफेशनल" का अवार्ड मिला । इन्हें द्वितीय इंडियन ह्यूमन कैपिटल समिट-2012, नई दिल्ली में "एचआर लीडरशिप अवार्ड" और मुम्बई में वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस-2013 में "30 मोस्ट टेलेंटेड एचआर लीडर्स इन पीएसयू अवार्ड" से नवाजा गया है । इन्हें भारतीय राजभाषा विकास संस्थान द्वारा 2012 एवं 2013 में राजभाषा के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए राजभाषा कृति सम्मान से भी सम्मानित किया गया है । सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में सीसीएल के निदेशक (कार्मिक) के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कॉरपोरेट सीएसआर कंक्लेव-2012, रॉंची में सीसीएल को " सीएसआर में स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए उत्तम कंपनी " का अवार्ड दिया गया है । 01 नवम्बर 2012 को कोलकाता में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में कोल इण्डिया की अनुषंगियों में सीसीएल को "प्रथम पुरस्कार" और वर्ल्ड सीएसआर कांग्रेस, मुम्बई में "आईपीई सीएसआर कॉरपोरेट गवर्नेंस अवार्ड-2012 भी दिया गया है । इन्हें वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस, मुम्बई-2014 में "ग्लोबल एचआर एक्सलेंस अवार्ड" भी दिया गया है । श्री मिश्र को दिल्ली में ब्यूरोक्रेसी टूडे द्वारा मानव संसाधन प्रबंधन में बीटी-स्टार पीएसयू अवार्ड फॉर एक्सलेंस तथा 2015 के दौरान मुम्बई में आर.के. एचआईभी एड्स रिसर्च एवं केयर सेंटर द्वारा "एक्सीलेंट एउमिनिस्ट्रेटर कोल माइन इन इंडिया" से भी सम्मानित किया गया है ।
श्री मिश्र अपनी टीम निर्माण क्षमताओं और पारिस्थितिक प्रबंधन कौशल के लिए भी जाने जाते हैं । उन्होंने भारत और विदेशों में काफी यात्रा की है और वे कई व्यावसायिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं । वे एक्सक्यूटिव बॉडी ऑफ स्टैंडिंग कॉफ्रेरेंस ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (स्कोप) के सदस्य हैं तथा वेस्टर्न रिजनल चेप्टर ऑफ स्कोप के अध्यक्ष हैं । वे कॉफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज, नई दिल्ली - कॉसिल ऑन पीएसई के सदस्य हैं तथा भारतीय कोल प्रबंधन संस्थान (आईआईसीएम) रॉंची के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स के सदस्य भी हैं । वे नेशनल एसोसियेशन फॉर द ब्लाइंड, नागपुर जिला ब्रांच, नागपुर के संरक्षक भी हैं । उनके कुशल नेतृत्व में डब्ल्युसीएल अपने संचालन में बदलाव के प्रतिमान स्थापित करने के लिए अग्रसर है ।
सीएमडी, सीएमपीडीआईएल
श्री शेखर सरन सेंट्रल माइन प्लानिंग एवं डिजाइन इंस्टीच्यूट लिमिटेड जो पूरे देष में कोयला और खनिज गवेषण तथा परामर्शी कंपनियों में से एक बड़ी कंपनी है, के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हैं । श्री सरन यंत्रीकृत खान विकसित करने तथा उत्पादन और उत्पादकता में नये मानदंड स्थापित करने, खानों के परिदृय बदलकर उद्योग को लीक से हटकर चलाने एवं दूरदर्शी योगदान देने वाले के रूप में जाने जाते हैं । उन्होंने जून, 2013 में ननदेशक (तकनीकी) के रूप में सीएमपीडीआई में पदभार ग्रहण किया और कोल रिसोर्स डेवलपमेंट के कायों की देख-रेख की । उसके बाद दिसम्बर 2015 तक प्लानिंग एंड डिजाइन का कार्य संभाला और तत्पश्चात 1 जनवरी, 2016 को उन्होंने सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया । श्री सरन 1981 बैच के डिपार्टमेंट ऑफ़ माइनिंग इंजीनियरिंग, इंस्टीच्यूट ऑफ़ टैकनोलॉजी, बनारस हिन्दु यूनिवर्सिटी (बीएचयू) जो वर्तमान में आईआईटी (बीएचयू) है, से स्नातक हैं । अपने बैच के टॉपर होने के कारण उन्हें एमजीएमआई से रॉबर्टन मेडल के साथ-साथ बीएचयू के गोल्ड मेडल से नवाजा गया । तत्पश्चात उन्होंने वर्ष 2013-15 के दौरान आईआईएम, रॉंची से "पीजी एक्स" में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा भी किया । सीएमपीडीआई में पदभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने कनीय प्रबंधन प्रशिक्षु से लेकर क्षेत्रीय उप प्रबंधक के रूप में एसईसीएल के सोहागहपुर, हसदेव और विश्रामपुर क्षेत्र में और ईसीएल के कुनुस्तोरिया, सतग्राम एवं सोदपुर क्षेत्रों में एजेंट से लेकर मुख्य महाप्रबंधक तथा अंत में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड मुख्यालय में मुख्य महाप्रबंधक (पी.एण्ड पी) के रूप में काम किया ।
उन्हें विभिन्न अनुषंगी कंपनियों की बड़ी खुली खदान और भूमिगत खदान के प्रबंधन का व्यापक अनुभव है । जब वे एसईसीएल में कार्यरत थे तब उन्होंने रूफ बोल्टिंग /स्टील सपोर्ट का प्रयोग कर कई मैनुअल भूमिगत खानों को यंत्रीकृत खानों में बदला । उन्होंने विभिन्न सेमिनारों/कार्यशाआलों में बहुत सारे तकनीकी पेपर प्रस्तुत किए । वे 26 वषों से अधिक समय तक रेस्क्यू प्रशिक्षित सदस्य भी रहे तथा भूमिगत खानों में कई रेस्क्यू और रिकवरी ऑपरेशन में भी भाग लिया । उन्होंने यू.के., जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड, यूएस, कनाडा एवं स्वीटजरलैंड आदि जैसे कई देशों का भ्रमण किया है । वे एनसीसी प्रमाण पर धारक और अच्छे खिलाड़ी भी हैं । वे कोल माइनिंग प्रोडक्शन में एक अद्वितीय एवं नवोन्मेषी तकनीकी के अवधारक के रूप में जाने जाते हैं । आपका विश्वास कारपोरेट लाइफ और इसके सर्वश्रेष्ठ अवयव मानव संसाधन के विकास में है ।
अतिरिक्त सदस्य (यातायात परिवहन)
Shri Sushant Kumar Mishra is Currently working as Additional Member (Traffic) and Secretary, Railway Board, Ministry of Railways, Government of India. He is B.A. (Economics) and PGDM from IIM- Ahmedabad. He has total professional experience of 34 years in government, academia and private sector, out of which he has spent 30 years in the Indian Railways/Road Transport Sector. He had acted as Director (Transport Planning), Ministry of Railways, Director (Road Transport), Ministry of Road Transport & Highways, Ministry of Road Transport & Highways, Principal Executive Director (Infrastructure), Executive Director (Corporate Coordination) and Advisor (Corporate Coordination – Divisional Railway Manager, South Central Railway, Secunderabad. During his career, he had acquired thorough understanding about strengths and limitations of the Indian Transport Railway system and specifically, the potential for partnership with private sector. He had worked on a variety of jobs entailing strategic thinking, policy planning, and operational management. He had attended professional trainings/refreshers at some of the world's best known institutions. He has also networked with think- tanks, policy makers, operational heads, and knowledge workers in the Railways and Transport Sector.